सरसों का साग और मक्के की रोटी की विधि:
सामग्री:
सरसों का साग के लिए:
- सरसों के पत्ते – 500 ग्राम
- बथुआ – 250 ग्राम
- पालक – 100 ग्राम
- मक्का का आटा – 2 बड़े चम्मच
- हरी मिर्च – 2-3
- अदरक – 1 इंच का टुकड़ा
- लहसुन – 5-6 कलियां
- प्याज – 1 मध्यम आकार का (वैकल्पिक)
- घी – 3 बड़े चम्मच
- नमक – स्वादानुसार
मक्के की रोटी के लिए:
- मक्के का आटा – 2 कप
- नमक – स्वादानुसार
- पानी – गूंधने के लिए
- घी या मक्खन – सेकने के लिए
विधि:
सरसों का साग:
- साफ करें और उबालें: सरसों, बथुआ, और पालक को धोकर साफ करें। इन्हें एक प्रेशर कुकर में थोड़ा पानी और नमक डालकर उबालें।
- पीसें: उबले हुए साग को ठंडा होने के बाद दरदरा पीस लें।
- तड़का लगाएं: एक कड़ाही में घी गरम करें। इसमें अदरक-लहसुन का पेस्ट, हरी मिर्च, और प्याज डालकर भूनें।
- मिश्रण डालें: पीसा हुआ साग और मक्के का आटा डालें। इसे अच्छी तरह मिलाएं और धीमी आंच पर 15-20 मिनट पकाएं। स्वादानुसार नमक डालें।
मक्के की रोटी:
- गूंधें: मक्के का आटा, नमक और पानी मिलाकर मुलायम आटा गूंध लें।
- बेलन से बेलें: हाथ से हल्का दबाकर या बेलन से रोटी बनाएं।
- सेंकें: तवे पर रोटी को दोनों तरफ से घी लगाकर सुनहरा होने तक सेंक लें।
लाभ:
- सरसों का साग:
- पोषण से भरपूर: आयरन, कैल्शियम, और विटामिन A से भरपूर।
- डिटॉक्सिफिकेशन: सरसों का साग शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में मदद करता है।
- पाचन: फाइबर युक्त होने के कारण पाचन में सहायक।
- मक्के की रोटी:
- ग्लूटेन-फ्री: मक्के का आटा ग्लूटेन-फ्री है, जो एलर्जी वाले व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है।
- एनर्जी बूस्टर: कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत।
- हृदय स्वास्थ्य: कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है।
सरसों का साग और मक्के की रोटी मुख्य रूप से भारत की एक पारंपरिक डिश है, लेकिन इसके विभिन्न रूप और घटक अन्य देशों में भी लोकप्रिय हैं।
अन्य देशों में प्रयोग और रूपांतरण:
- पाकिस्तान
- पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में भी सरसों का साग (साग) और मक्के की रोटी उतनी ही लोकप्रिय है जितनी भारत के पंजाब में। इसे देसी घी और मक्खन के साथ परोसा जाता है।
- वहां भी सर्दियों में इसे प्राथमिक भोजन के रूप में खाया जाता है।
- नेपाल और भूटान
- नेपाल और भूटान में सरसों के पत्तों का प्रयोग “साग” या “गुंड्रुक” (फर्मेंटेड साग) के रूप में होता है।
- वे इसे स्थानीय अनाज और मकई के आटे के साथ मिलाकर रोटियों या अन्य व्यंजनों के रूप में तैयार करते हैं।
- चीन और कोरिया
- चीन और कोरिया में सरसों के पत्तों का उपयोग “पिकल्स” या सूप बनाने में होता है।
- इसे विभिन्न प्रकार की रोटी या नूडल्स के साथ खाया जाता है।
- अफ्रीका
- पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका में सरसों के पत्तों का प्रयोग “सुकुमा विकी” नामक व्यंजन में होता है।
- इसे मकई के आटे से बने “उगाली” (एक प्रकार का दलिया या मोटी रोटी) के साथ परोसा जाता है।
- पश्चिमी देश
- पश्चिमी देशों में इसे “मस्टर्ड ग्रीन्स” के नाम से सलाद, सूप या स्टर-फ्राई में उपयोग किया जाता है।
- मकई के आटे का उपयोग “कॉर्नब्रेड” या टॉर्टिला के रूप में किया जाता है, जो मक्के की रोटी जैसा ही है।
लोकप्रियता के कारण:
- यह डिश स्थानीय सामग्री पर आधारित है, जो हर जगह आसानी से उपलब्ध होती है।
- यह सर्दियों में गर्मी और पोषण प्रदान करती है, इसलिए जहां भी सरसों और मकई उगाई जाती है, वहां इसके किसी न किसी रूप में उपयोग देखा जा सकता है।
यह भोजन सर्दियों में शरीर को गर्मी और पोषण प्रदान करता है।